Yug Purush

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8TH SEMESTER ! भाग- 118( Desire of A Kiss-3)

"बस तू मेरे नक्शे कदम पर चल,दिव्या, तेरा समान अपने आगे से भी लेगी और पीछे से भी लेगी..."

"मुझे मालूम है तेरे कहने का मतलब गिफ्ट है..."

"ग़लत...मेरा कहने का मतलब  वो है... ,मतलब कि वो आगे से भी तेरा वो लेगी और पिछवाड़े मे भी लेगी.."ये बोलते ही मैं तुरंत वहाँ से कल्टी हो गया और अरुण हॉकी स्टिक लेकर मुझे दौड़ाने लगा......
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"अरमान,यही पर रोक दे यार...अबकी बार तीसरा कॉल आया है ऑफीस से,मैं चलता हूँ..."वरुण अपने वाइब्रट होते मोबाइल को हाथ मे पकड़ कर बोला...वरुण तैयार तो पहले से था इसलिए उसने एक मिनिट मे जूते पहने और फ्लैट  से निकल गया.....

वरुण के जाने के बाद मेरे होंठो पर एक मुस्कान थी... ये मुस्कान उस वक़्त की थी ,जब अरुण मुझे धमकिया देते हुए पूरे हॉस्टल  मे दौड़ा रहा था... साला वो भी क्या दिन थे..... कहने को तो हमारा हॉस्टल  किसी फाइव स्टार होटल की तरह आलीशान तो नही था., लेकिन हमारे लिए  किसी फाइव स्टार होटल से कम भी नही था... हॉस्टल  की बेजान सी दीवारो, दरवाजो जिन पर हम अक्सर पेन -पेंसिल से अश्लील ड्रॉयिंग और कॉलेज के टीचर्स के कार्टून बनाया करते थे ,उन भद्दी सी दीवारो से हमे एक लगाव सा हो गया था और आज फिर दिल कर रहा था कि उन बेजान सी भद्दी दीवारो के बीच रहूं, आज फिर दिल कर रहा था की अपने टीचर्स के कार्टून उन बेजान सी दीवारो पर बनाऊ, आज फिर दिल कर रहा था की पहले की तरह आज भी अपने रूम के सामने बड़ा सा दिल बना कर उसमे ईशा और अपना नाम लिखू और हॉस्टल  के बाथरूम मे जाकर स्पर्म डोनेट करूँ... पर ये मुमकिन नही था और शायद समय का चक्र ही एक ऐसी घटना थी,जिसके सामने मैने हार मानी थी....
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"अबे ओये मुँह बंद कर ले..." मुझे ज़ोर से हिलाते हुए अरुण बोला"इसी दुनिया मे है ना या फिर किसी एलियन के साथ दूसरे ग्रह की सैर कर रहा है..."

"मैं दूसरे ग्रह की नहीं बल्कि दूसरे universe की सैर कर रहा था... Parallel universe. तुझे पता है, यदि हमारे दिमाग़ के अंदर एक विशेष प्रकार का पदार्थ जिसे सSpirit Molecule कहते है, यदि वह पर्याप्त मात्रा मे बन जाए तो हम parallel universe की सैर कर सकते है और मुझे कभी लगता है की मानो मै parallel universe मे हूँ......"

"समझ तो नहीं आया पर सुनने मे ठीक लगा...वैसे  मैने तेरी ईमेल आइडी चेक की और निशा के सारे मेसेज  पढ़ डाले... जब तू सो रहा था तो "

"ये तूने क्या किया... Wtf man "

"अबे रिक्ट तो ऐसे रहा है,जैसे मैने तेरी खोल के मार ली हो .."

"लेकिन फिर भी तुझे ऐसा नही करना चाहिए था...ये ग़लत है.."

"कुछ  ग़लत नही है बीड़ू और जाकर इनबॉक्स चेक कर 40 मिनिट्स पहले निशा डार्लिंग ने मेसेज  भेजा है..."

"सच...!"वहाँ से तुरंत उठकर मैं कंप्यूटर के पास पहुचा और अपना इनबॉक्स चेक किया... निशा ने आज एक मेसेज  भेजा था लेकिन वो अनरीड मेसेज  के ऑप्षन मे नही था जिसका सॉफ-सॉफ शुद्ध मतलब था की मेरे विशुद्ध दोस्त ने निशा का ये मेसेज  भी पढ़ लिया है....

"दूसरो के मेसेज  पढ़ने की तेरी आदत अभी तक गयी नही..."बोलते हुए मैने निशा का मेसेज  ओपन किया...

निशा ने अपने मेसेज  मे लिखा था कि उसकी कंडीशन अब और भी खराब हो चुकी है... अब यदि उसकी कोई फ्रेंड भी मिलने आती है तो उसे ,निशा से मिलने नही दिया जाता... उसके बाप ने घर के बाहर दो गार्ड्स और लगवा दिए है जिससे उसका निकलना अब तो नामुमकिन ही है... निशा ने अपने मेसेज  मे लिखा था कि उसे रात को जबरदस्तीव जल्दी सुला दिया जाता है और यदि वो नींद ना आने का बहाना करती है तो उसके माँ-बाप उसे नींद की गोलियाँ खाने की सलाह देते है और उसके बाद सबसे बुरी खबर निशा ने अपने मेसेज  मे ये दी थी कि उसके घर के बाहर चौकीदारी करने वाले गार्ड ने उसके बाप को बता दिया है कि निशा का एक लड़के के साथ चक्कर है... लेकिन वो गार्ड मेरा नाम और पता नही जानता इसलिए फिलहाल मुझे चिंता करने की कोई ज़रूरत नही है... निशा ने मुझे सलाह भी दी थी कि मैं उसके घर के आस-पास भी नज़र ना आउ,वरना वो गार्ड मुझे पहचान लेगा. अंत मे , निशा ने आख़िर मेसेज  के ज़रिए एक खुशख़बरी भी  दी, वो खुशख़बरी ये थी कि अभी से ठीक एक घंटे बाद निशा ऑनलाइन रहेगी....
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"अभी तक क्या कम मुसीबत थी ,जो तेरी उस लैला के गार्ड ने बीच मे एंट्री मार दी..."मेरे पीछे से  कंप्यूटर स्क्रीन को निहारते हुए अरुण बोला...

अरुण इस वक़्त ये देखने मे बिजी था की मैं निशा को क्या रिप्लाई दे रहा हूँ... और जब मुझे इसका अंदाजा हुआ, i mean... जब मुझे इसकी भनक लगी तो मैं पीछे पलटा... अरुण अपने घुटनो मे हाथ रखे थोड़ा झुक कर कंप्यूटर स्क्रीन मे नज़र गढ़ाए हुए था...

"अबे तू मेरा मेसेज  क्यूँ पढ़ रहा है ...चल भाग यहाँ से..."

"एक शर्त पर..."

"बोल.."

"तू घर वापस चलेगा...??"

"रहने दे,कोई ज़रूरत नही... तू मेरा मेसेज  देख सकता है..."बड़बड़ाते हुए मै सामने पलटा और वापस से मेसेज टाइप करने लगा
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"हाई...हाउ आर यू"ठीक एक घंटे बाद निशा का दूसरा मेसेज  आया...जिसे देखकर मेरा सीना खुशी के मारे 5 इंच ज़्यादा फूल गया...

"एक्सीडेंट  हो गया है मेरा और मैं जल्द ही एड्स की बीमारी से मरने वाला हूँ...."

"ऐसा क्यूँ बोल रहे हो..."

"मुझे ये हाय ...बाय ..हाउ आर यू...जैसे सेंटेन्सस से नफ़रत है.."

"ओह्ह..इसीलिए तो मैने वो मेसेज किया,अरमान 😁...मेरा लास्ट मेसेज  मिला तुम्हे..?? जो मैने आज सुबह किया था..."

"हां,  मिल गया..."फटाक से मैने रिप्लाई किया
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"अब कहाँ मर गयी..."जब कुछ  देर तक निशा का रिप्लाई नही आया तो मैने मेसेज  सेंड किया...

"यही हूँ,..."

"तो फिर इतना शांत क्यूँ है..."

"मैने सोचा कि तुम कुछ  बोलोगे..."

"ज़्यादा मत सोच...और वैसे मुझे सच मे कुछ  कहना था..."

"क्या..."

"चुम्मी देगी क्या...."

मैने जैसे ही ये लिखकर सेंड बटन को क्लिक किया अरुण "yesssss " बोलते हुए ज़ोर से हवा मे कुदा...

"तू क्यूँ खुश हो रहा है बे "

"कुछ  नही यार,भाई है तू मेरा...तेरी ख़ुशी, मतलब मेरी ख़ुशी.. तेरी माल मतलब,मेरी....."

"सुधर जा बे.. बहुत मारूंगा "

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"हमारे मिलने का कोई चान्स नही,  अरमान ... फिर kiss कहा से..."

निशा के इस रिप्लाइ पर मैने बिस्तर से वरुण का गॉगल उठाया,जो शायद वो अपने साथ ले जाना भूल गया था और उसे पहनकर टाइप किया

"Well, My Love... I have a plan...तेरे घर मे Expired tablets होंगी...राइट...??"

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